वेजिटेबल ऑयल इम्पोर्ट से घरेलू इंडस्ट्री को रहा नुकसान, पहली छमाही में आयात 21% बढ़ा- SEA
Vegetable oil imports: उद्योग निकाय एसईए (SEA) ने के मुताबिक, रिफाइंड पाम तेल की आवक बढ़ने के कारण यह बढ़ोतरी हुई, जो चिंता की बात है. ऑयल ईयर 2021-22 की समान अवधि में वनस्पति तेल का आयात 67.07 लाख टन था.
ऑयल ईयर नवंबर से अक्टूबर तक चलता है. (Image- Freepik)
ऑयल ईयर नवंबर से अक्टूबर तक चलता है. (Image- Freepik)
Vegetable oil imports: देश का वनस्पति तेल आयात चालू तेल वर्ष की पहली छमाही में 21% बढ़कर 81.10 लाख टन हो गया. उद्योग निकाय एसईए (SEA) ने कहा कि रिफाइंड पाम तेल (Refined Palm Oil) की आवक बढ़ने के कारण यह बढ़ोतरी हुई, जो चिंता की बात है. ऑयल ईयर 2021-22 की समान अवधि में वनस्पति तेल का आयात 67.07 लाख टन था. ऑयल ईयर नवंबर से अक्टूबर तक चलता है.
भारत दुनिया का सबसे बड़ा वेजिटेबल ऑयल खरीदार
भारत दुनिया में वनस्पति तेल (Vegetable Oil) का सबसे बड़ा खरीदार है. हालांकि, अगर मार्च 2023 से तुलना की जाए तो अप्रैल में वनस्पति तेलों का आयात 10% कम रहा. सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के अनुसार, मौजूदा तेल वर्ष के पहले छह महीनों में आरबीडी पामोलिन के आयात में 11.01 लाख टन की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो कुल पाम तेल आयात का लगभग 22% है. इसके चलते घरेलू उद्योग को नुकसान हो रहा है.
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एसईए ने एक बयान में कहा कि देश में पाम तेल रिफाइनिंग उद्योग आरबीडी पामोलिन के अत्यधिक आयात के कारण पीड़ित है और यह अब सिर्फ पैकर्स उद्योग में तब्दील हो रहा है. निकाय ने कहा कि इस समस्या का समाधान करने के लिए कच्चे पाम तेल (CPO) और रिफाइंड पाम तेल के बीच शुल्क अंतर को मौजूदा 7.5% से बढ़ाकर कम से कम 15% करना चाहिए. इसके अलावा आरबीडी पामोलीन पर अतिरिक्त 7.5% एग्री सेस लगाना चाहिए.
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05:27 PM IST